बालोद जिले को मिला देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला होने का गौरव

बालोद छतीसगढ़

जिला प्रशासन के सतत प्रयासों और समाज के सभी वर्गों के सहयोग से बालोद जिले ने देश में पहला बाल विवाह मुक्त जिला बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। पिछले सवा दो वर्षों के दौरान जिले में एक भी बाल विवाह का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा के कुशल नेतृत्व में जिले को यह गौरव प्राप्त होने पर हार्दिक बधाई दी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी इसे प्रेरणादायक उपलब्धि करार देते हुए प्रशंसा की।

कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने 436 ग्राम पंचायतों और 09 नगरीय निकायों को बाल विवाह मुक्त घोषित करते हुए प्रमाणपत्र प्रदान किया। उन्होंने जिलेवासियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों को इस ऐतिहासिक सफलता में योगदान देने के लिए बधाई और आभार व्यक्त किया।

बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत या नगरीय निकाय बनने के लिए यह आवश्यक है कि पिछले दो वर्षों में किसी भी तरह का बाल विवाह प्रकरण दर्ज न हो। ग्राम पंचायतों में इसके लिए ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव पारित कर कलेक्टर को भेजा जाता है, जबकि नगरीय निकायों के लिए समान प्रक्रिया अपनाई जाती है। बालोद जिले में यह प्रक्रिया पूरी कर सभी ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय अब बाल विवाह मुक्त घोषित किए गए हैं।

कलेक्टर ने कहा, “इस उपलब्धि के पीछे जिले के प्रत्येक नागरिक, अधिकारी और जनप्रतिनिधि की सक्रिय भागीदारी रही है। यह जिला पूरी तरह से बाल विवाह मुक्त बन चुका है और यह देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत करता है।”

jageshwar sinha
Author: jageshwar sinha

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