दिल्ली – क्या आप जानते हैं छत्तीसगढ़ की पहचान सिर्फ अपनी संस्कृति और खनीज संपदा, अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा अब एक और रूप में हो रही है । जी हां प्रदेश की राजधानी रायपुर के निकट स्थित अछोटी ग्राम में मानवीय चेतना शोध संस्थान अभ्युदय संस्थान निरंतर अपनी मूल्य परक शिक्षा देने का काम तो कर ही रही है साथ ही अब ये विद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा स्कूल बन चुका है जहां शिक्षक एक रुपए का भी वेतन नहीं लेते और नि: स्वार्थ वहां पढ़ने वाले बच्चों को सामान्य स्कूली शिक्षा के अलावा रिसर्च और व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ।
दरअसल मानवीय चेतना विकास मूल्य शिक्षा पर शोध को औपचारिक स्वरूप देने के लिए आज से मानवीय शिक्षा शोध संस्थान अभ्युदय संस्थान द्वारा एक नवीन प्रयास रिसर्च और ट्रेनिंग केंद्र के नाम से प्रारंभ हुआ है ।
मध्यस्थ दर्शन के प्रकाश में चेतना विकास मूल्य शिक्षा शोध एवम प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ आज डॉ शारदा शर्मा ( अंबा दीदी ), दिव्य पथ संस्थान अमरकंटक के मुख्य आतिथ्य और डॉ मीता झा, डीन, सोशल साइंस रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय के विशेष आतिथ्य में हुआ ।
अब मिलेगी ये भी सुविधाएं
अभिभावक विद्यालय छत्तीसगढ़ का संभवत: पहला निजी विद्यालय बन गया जहां पर अब शिक्षण के साथ साथ चेतना विकास मूल्य शिक्षा पर रिसर्च और प्रशिक्षण की सुविधा शोधार्थियों को रहेगी । इस केंद्र में शोध के लिए 10 Research Fellow नियुक्त किए जायेंगे । फिलहाल 2 JRF की नियुक्ति हो गई है जो मध्यस्थ दर्शन पर शोध – अध्ययन के साथ साथ अध्यापन और प्रशिक्षण में सहयोग करेंगे । इस केंद्र में मध्यस्थ दर्शन आधारित चेतना विकास मूल्य शिक्षा का विद्यार्थियों के, मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक विकास एवम मानवीय विचार व्यवहार विकास में योगदान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शोध कार्य होगा ।
इसके साथ ही विद्यार्थियों और मध्यस्थ दर्शन के अध्येताओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण organic farming, wood art, stitching, cooking, dairy farming, food processing, , dairy processing , embroidery, computer, सुगम संगीत, सहित 10 से अधिक विधाओं में प्रशिक्षण दिया जायेगा ।
इस अवसर पर वृक्षारोपण करते हुए आज के दिन को यादगार बनाया गया –




इस अवसर पर वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण भी किया गया । अभिभावक विद्यालय के विद्यार्थियों और मध्यस्थ दर्शन के अध्येताओं, शोधार्थियों के लिए अत्यंत उत्सव का दिन रहा ।
