धर्मांतरण के बाद घर वापसी: यादव समाज की एकजुटता ने रचा नया अध्याय

नगरी ब्लाक के वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले ग्राम बेलरबाहरा में यादव समाज के एक परिवार द्वारा अज्ञानवश किए गए धर्म परिवर्तन के पश्चात, समाज के सतत प्रयासों और मार्गदर्शन से उन्होंने पुनः अपने मूल धर्म एवं सामाजिक धारा में वापसी की है। यह घटना समाज में जागरूकता और एकता का प्रतीक बनकर उभरी है।

लगभग छह माह पूर्व ग्राम बेलरबाहरा के श्री सरजू राम यादव एवं उनके परिवार ने अज्ञानवश ईसाई धर्म अपना लिया था। समाज द्वारा समय-समय पर निवेदन, समझाइश और मार्गदर्शन के माध्यम से परिवार को अपने मूल धर्म की ओर लौटने के लिए प्रेरित किया गया। यादव महासभा सिहावा क्षेत्र के नेतृत्व में समाज प्रमुखों ने धैर्यपूर्वक लगातार संवाद बनाए रखा।

समाज की बातों और परंपराओं से प्रभावित होकर श्री सरजू राम यादव ने अपनी गलती स्वीकारते हुए पुनः अपने कुल धर्म में लौटने की इच्छा जताई। इसके लिए गांव में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें समाज के वरिष्ठों, पदाधिकारियों और ग्रामवासियों की उपस्थिति रही।

बैठक की शुरुआत हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों एवं यादव समाज की विधिवत परंपराओं के अनुसार इष्टदेव की पूजा-अर्चना से की गई। इस बैठक में धर्मांतरण कर चुके परिवार ने समाज के समक्ष अपनी भूल स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की और पुनः अपने मूल धर्म में वापसी की।

इस ऐतिहासिक क्षण को सफल बनाने में यादव समाज के निम्न पदाधिकारियों और सदस्यों का विशेष योगदान रहा:

रामसिंह यादव (सभापति, बेलरबाहरा)

अंकालू राम यादव (अध्यक्ष, भोथली परिक्षेत्र)

नरेश यादव (उपाध्यक्ष, भोथली)

हरीश यादव (कोषाध्यक्ष, घटुला)

गजानंद आहिर (सचिव, तुमड़ीबहार)

प्रहलाद यादव (संरक्षक, फारसिया)

गोवर्धन यादव (पाडरवही)

छतर यादव (सलाहकार)

माखन यादव (वार्ड पंच, तुमड़ीबाहर)

बरसन यादव (गोरेगांव)

गोकूल यादव (फरसिया), कुंजल यादव (नवागांव)

जगन्नाथ यादव (भोथली), कीर्तन यादव (भैंसासंकरा)

महिला प्रकोष्ठ से:

मीनाक्षी यादव (अध्यक्ष, तुमड़ीबाहर)

मीना बाई यादव (संरक्षक, इच्छापुर)

संतोषी यादव, रामेश्वरी यादव (जिला महिला प्रकोष्ठ पदाधिकारी)

युवा प्रकोष्ठ से:

डी.के. यादव (युवा प्र.प्रदेश उपाध्यक्ष,सर्व यादव समाज छ. ग जिलाध्यक्ष युवा प्र. जिला धमतरी यादव समाज)

देवचरण यादव (अध्यक्ष, तुमड़ीबाहर)

जीवन यादव (उपाध्यक्ष, गोरेगांव)

विष्णु यादव (कोषाध्यक्ष, पाडरही)

इस प्रयास में समाज के अन्य गणमान्यजन, महिला एवं युवा प्रकोष्ठ के सदस्यगण, यादव बंधु एवं ग्रामीणजनों का भी अहम योगदान रहा।

यादव समाज द्वारा यह संदेश दिया गया कि समाज की एकता, धैर्य और सतत प्रयासों से किसी भी भटके हुए व्यक्ति को पुनः मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। समाज ने यह भी अपील की कि सभी अपने कुल, धर्म एवं संस्कृति को पहचानें, समझें और गर्व से उसका पालन करें।

jageshwar sinha
Author: jageshwar sinha

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